Tuesday, 24 January 2012

Rahul, congress and Shoe

सोमवार २३ जानवरों को उत्तराखंड में भावी प्रधानमंत्री माननीय श्री राहुल गाँधी पर जूता फेंकने का प्रयास किया गया. कांग्रेस के नेताओ ने इसका पूरी वफ़ादारी से निषेध किया. कई कांग्रेसवासियों को मौका था की भाजपा पर आरोप लगाये, तो बस देर किस बात की? कांग्रेस की तरफ से इस घटना की पूरी तहकीकात की मांग की गयी.. लेकिन कांग्रेस ने तहकीकात से पहले ही इसमें भाजपा का हाथ होने का संशय भी व्यक्त किया. 



कांग्रेस के प्रवक्ता  राशीद अल्वी जी को राहुल जी के मुखकमल की तरफ जूते ने किये हवाई उडान का सूत्रधार बीजेपी लगा, यह स्वाभाविक है. क्यों की देश में घटने वाले कई  महत्वपूर्ण घटना में कांग्रेस के एक महासचीव् जो की प्रवक्ता भी नहीं है उन्हें बीजेपी या RRS का हाथ दिकता है.

खैर उनकी बात को देश भी गंभीरता से नहीं लेता है. :)

तो राशीद  अल्वी साहब ने कुछ इन शब्दों में निषेद करते हुए कड़ी और गंभीर तहकीकात की माग की - उत्तराखंड में बीजेपी की सर्कार है. राहुल जी को जेड प्लस सुरक्षा व्यवस्ता दी गयी है, फिर भी उनके पास जूता फेकने वाला व्यक्ति पहुच पाता  है, यह गंभीर बात है, और इस बात की कड़ी तहकीकात होनी चाहिए"

अब इसी बात को कुछ अलग नजरिये से भी देखते है, देश में कांग्रेस नेतृव की सरकार है, और भ्रष्टाचार के खिलाप लड़ने वाले अरविन्द केजरीवाल पर जब हमला होता है तो कांग्रेस इस बात को कुछ अलग अंदाज़ में बयाँ करते है, तब कड़ी आलोचना और तहकीकात ये शब्द कही गुमनाम से लगते है.

खैर छोड़ो, कांग्रेस के यह नेता जो इस घटना की कड़ी तहकीकात की मांग कर रहे है, वो गृहमंत्री के ऊपर जब गंभीर आरोप लगते है तो उस बात को शिद्दत से उठाकर कड़ी मांग करते दिखाई नहीं देते.

भ्रष्टाचार के मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी कड़ी तहकीकात की मांग नहीं कर पति है, २जी मामले में संसद स्थगित करने के बाद कही जाकर JPC की तहकीकात हुई थी. घोटालो में भी सरकार को न्यायव्यवस्था की फटकार सुनानी पड़ी. ये क्या गर्व की बात है?












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