जैसे कांग्रेस महासचिव राहुल गाँधी कहते हैं, क्या यु.पी. के लोग सचमुच भिखारी है ?
सिर्फ राजकीय फायदा ( वोटस ) उठाने के लिए कांग्रेस महासचिव राहुल गाँधी ने अपने भषण में युपिके लोगोसे पूछा - कब तक पंजाब में जाके मजदूरी करोगे, कब तक महाराष्ट्र में जाके भीक मांगोगे?"
राहुल गाँधी ने यह भाषण ( स्व. नेहरूजी का चुनावछेत्र )फूलपुर में दिया (14 Nov 2011) , शायद राहुल ने कांग्रेस के पूर्वसंचित पुण्य पर, चुनाव को नजर में रखते हुए उत्तरप्रदेश के लोगो को कांग्रेस तरफ आकर्षित करने का प्रयास किया होगा. क्योंकि वर्तमान में घोटालो और भ्रष्टाचार के आरोपों से कांग्रेस दिन ब दिन अलोकप्रियता के नये नये रिकॉर्ड बना रहा है.
मान लेते हैं की राहुल गाँधी का विधान शायद मायावती के सरकार पर टिका करने के लिए होगा
परन्तु .. उसका यह भाषण प्रांतवाद को भाढावा देने वाला है - वही प्रांतवाद जो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना महाराष्ट्र में मराठी लोगो के हित के लिए कर रही है, कांग्रेस उसका विरोध करती है. लेकिन क्या राहुल का प्रांतवाद देश को तोड़ने का काम नहीं करता?
अब इसे जरा ध्यान से पढ़िए,
उत्तर प्रदेश वही राज्य है जिसने कांग्रेस के दिगाज्ज नेता पंडित जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, सोनिया गाँधी और खुद राहुल गांधीजी को चुनाव जिता कर सत्ता का सुखा दिया है. मायावती के शासन काल से पहले कांग्रेस ने यूपी के सत्ता का २० साल से भी अधिक काल तक उपभोग लिया है. स्वतंत्रता के बाद किसी भी राजनितिक पार्टी से ज्यादा मुख्यमंत्री के खुर्सी का उपभोग कांग्रेस पार्टी ने ही लिया है.
तो फिर से प्रश्न उभरता है की कांग्रेस ने युपि के विकास के लिए किया तो क्या किया? अगर यूपी के लोग भिकारी है तो उनके इस हालत के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या कांग्रेस कहना चाहती है की मायावती के शासन से पहले यूपी स्विटज़लैंड था?
सच तो ये है की कांग्रेस के शासन काल में यूपी 'बीमारू' राज्यों में से एक पिछड़ा राज्य था.. जो विकास के लिए तरस रहा था. तब कांग्रेस ने यूपी को गरीबी के श्राप से बचने का क्यों प्रयास नहीं किया?
आश्चर्य की बात तो ये है - मायावती की जिस बहुजन समाज पार्टी को निशाना बना कर सत्ता की सीडियाँ चड़ने का प्रयास राहुल गाँधी कर रहे है - वही बहुजन समाज पार्टी केंद्र सरकार में कांग्रेस पार्टी की पार्टनर है -
यह यूपी के लोगो को और देश को गुमराह करने का प्रयास नहीं है तो क्या है?
अगर मायावती की बहुजन समाज पार्टी को राहुल गाँधी भ्रष्टाचार और माफिया राज का नाम देते है, तो यूपीए सरकार गठन के लिए उसी माफिया राज को बैसाखी बनाना कांग्रेस के लिए सत्ता का घिनौना राजकारण नहीं है?
No comments:
Post a Comment